1 |
ग्रामीण परिवेश में पोषण खाद्य सुरक्षा हेतु रसोई वाटिका की भूमिका विषय पर प्रसार कर्मियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम |
दिनांक 19.03.2023 को कृषि विज्ञान केन्द्र, बांदा द्वारा ग्रामीण परिवेश में पोषण खाद्य सुरक्षा हेतु रसोई वाटिका की भूमिका विषय पर प्रसार कर्मियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देष्य बांदा जिले की महिलाओं व बच्चों को कुपोषण व रक्ताल्पता जैसी गम्भीर समस्याओं से बचाना है। डा0 प्रज्ञा ओझा ने कृषक महिलाओं को प्रेरित करते हुये कहा कि पोषण वाटिका घर का वह क्षेत्र या बगीचा है जहां पर घरेलू उपयोग के लिये सब्जियां व फल इत्यादि उगाये जाते है। उन सब्जियों व फलों का उपयोग हमारी ग्रामीण बहने वर्ष भर नियमित रूप से कर सकती हैं। पोषण वाटिका के माध्यम से हमारे देश में खाद्य व पोषण सुरक्षा को भी बढावा मिलेगा। पोषण वाटिका से उत्पादित फलों व सब्जियों को बेंचकर हमारी ग्रामीण महिलायें स्वावलम्बी होगी व आय अर्जन द्वारा समाज में स्वयं की एक नई छवि भी स्थापित करेगी। कार्यक्रम में डा0 ओझा ने आगे बताया कि परिवार के प्रत्येक वयस्क को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जी अपने दैनिक आहार में सम्मिलित करनी चाहिये, जिससे उनके शरीर में सूक्ष्म पोषक तत्वों, खनिज लवण व विटामिन की कमी को रोका जा सके। हरी सब्जियों फलों के सेवन से बच्चों में होने वाले रोग जैसे रंतौधीं, स्कर्वी, एनीमिया व कुपोषण जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है। कार्यक्रम में डा0 प्रज्ञा ने श्रीअन्न (मिलेट्स) के महत्व, प्रसंस्करण व रखरखाव के विषय में भी महिलाओं को जानकारी दी। ग्रामीण परिवेष में पोषण वाटिका को स्थापित करने हेतु कृषक महिलाओं को रष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन दिल्ली द्वारा निर्मित पोषण वाटिका किट भी वितरित किये गये। |
2023-03-19 |
Click image to View
|