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पी0एम0-किसान निधि की 21वी किस्त जारी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण |
भारत सरकार की किसान हित में संचालित प्रमुख योजना पी0एम0-किसान फरवरी, 2019 से शुरू की गयी थी। योजना का मुख्य उद्देष्य कृषकों को रू0 6000/- वार्षिक की आर्थिक मदद करना है। अभी तक रू0 3.91 लाख करोड की धनराषि कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की जा चुकी है। योजना की अगस्त-नवम्बर 2025 अवधि की 21वीं किष्त माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिनांक 19.11.2025 को रू0 18000 करोड की धनराषि 9 करोड कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की जायेगी। इस अवसर पर कोयम्बटूर, तमिलनाडू में दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती समिट 2025 के उदघाटन पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री कृषकों को सम्बोधित किया। सम्बोधन का सीधा प्रसारण जनपद के कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र पर दिखाया गया। माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान में रसायनों के अधाधुंध प्रयोग से मृदा व मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड रहा है। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक खेती एक महत्वपूर्ण विकल्प बनकर उभर रही है। प्राकृतिक खेती भारत का स्वदेषी विचार है जोकि पर्यावरण के अनुकूल है साथ ही जलवायु परिवर्तन, मृदा व मानव स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करती है।
इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 श्याम सिंह द्वारा उपस्थित कृषकों कोे फसल अवषेष प्रबन्धन के बारे में विस्तार से बताया कि धान की पुआॅल को जल्दी सडाने के लिये पूसा डिकम्पोजर का प्रयोग करें या यूरिया से भी यह कार्य आसान हो जाता है। रबी की फसलों में पोषक तत्व प्रबन्धन पर चर्चा करते हुये डा0 सिंह द्वारा किसानों को एकीकृत एवं संतुलित पोषक तत्व प्रबन्धन का तरीका एवं इसके महत्व पर प्रकाष डाला गया। डा0 सिंह ने रबी फसलों में खरपतवार प्रबन्धन एवं बुआई की विधि व बीज की मात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की।
केन्द्र के पादप सुरक्षा वैज्ञानिक डा0 चंचल सिंह ने प्राकृतिक खेती की आवष्यकता, लाभ तथा सफलता के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। केन्द्र की गृहविज्ञान की वैज्ञानिक डा0 प्रज्ञा ओझा द्वारा पोषक थाली के महत्व व प्रमुख अवयवों की जानकारी के साथ पोषण वाटिका की सफलता के गुण भी किसानों को बताये। केन्द्र की प्रसार वैज्ञानिक डा0 दीक्षा पटेल द्वारा कृषकों को प्रसार तकनीकों विषेषकर मोबाईल एप्स द्वारा कृषकों की समस्याओं के समाधान के तरीकों पर चर्चा की एवं कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र से जुडने का आवाहन किया। पषुपालन के वैज्ञानिक डा0 आलोक सिंह द्वारा पषुओं के स्वास्थ्य के लिये टीकाकरण एवं दूध उत्पादन हेतु संतुलित पषु आहार पर विस्तार से चर्चा की गयी।
कार्यक्रम में कृषकों के फीड बैक भी लिये गये जिसमें खरीफ की फसल असमय वर्षा के कारण नष्ट होने की बात सभी कृषकों ने एवं रबी की फसलों की बुआई में देरी भी हुयी और कार्यक्रम के अन्त में प्रज्ञा ओझा ने धन्यवाद् ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के ई0 अजीत कुमार निगम, श्री कमल नारायण बाजपेयी, श्रीमती अंकिता निगम, श्री चन्द्रषेखर, श्री विकास गुप्ता का विषेष योगदान रहा एवं 12 महिला कृषकों सहित कुल 65 कृषकों ने प्रतिभाग किया। |
2025-11-19 |
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