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विश्व पर्यावरण दिवस-‘‘अविवेकपूर्ण एवं विनाशकारी उपयोग के बजाय सुविचारित एवं ईष्टम उपयोग जागरूकता महाभियान’’ |
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बांदा द्वारा द्वारा ‘‘अविवेकपूर्ण एवं विनाशकारी उपयोग के बजाय सुविचारित एवं ईष्टम उपयोग जागरूकता महाभियान’’ के अर्न्तगत जल संरक्षण व जल का प्रभावी उपभोग (कैच द रेन) विषय पर कृषक गोष्ठी का आयोजन निकरा अंगीकृत ग्राम चौधरी डेरा (खप्टिहा कलॅा) में किया गया। मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान श्रीमती मैना देवी ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये केन्द्र की वैज्ञानिक व निकरा परियोजना प्रभारी डा0 प्रज्ञा ओझा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूप रेखा व उद्देश्य के बारे में सभी को अवगत कराया । तदोपरान्त केन्द्र के अध्यक्ष डा0 श्याम सिंह ने सभी ग्रामवासियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि कृषि एक जलवायु आधारित उद्योग है। पिछले कुछ दशकों में जलवायु में परिवर्तन के कारण फसलों तथा पशुपालन क्षेत्र पर इसका दुष्प्रभाव पड रहा है। उन्होनें भूमिगत एवं वर्षा जल संरक्षण से पर्यावरण संरक्षण करने हेतु कृषकों का आह्वान किया। उन्होंने कृषकों से मेडबंदी, तालाब निर्माण, वृक्षारोपण करके मृदा व जल संरक्षण हेतु प्रेरित किया। इसके पश्चात् कृषक गोष्ठी के अन्तर्गत आयोजित तकनीकी सत्र में पर्यावरण सुरक्षा की आवश्यकता के बारे में डा0 मानवेन्द्र सिंह ने एवं जलवायु परिवर्तन का वृद्धि में प्रभाव के विषय पर डा0 दीक्षा पटेल ने कृषकों को बताया। डा0 श्याम सिंह, अध्यक्ष के0वी0के0,बांदा ने जलवायु परिवर्तन के फसलों पर कुप्रभावों को कम करने एवं रोकथाम के लिये, सभी कृषकों को विस्तारपूर्वक अवगत करावाया। अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती मैना देवी (ग्राम प्रधान खप्टिहा-कलॅा) ने सभी का कार्यक्रम आयोजन हेतु आभार व्यक्त किया तथा ग्रामवासियों की तरफ से पर्यावरण सुरक्षा व जल संरक्षण में योगदान देने का वादा भी किया। तदोपरान्त केन्द्र के अध्यक्ष डा0 श्याम सिंह ने पर्यावरण ने अनुकूल जीवन शैली अपनाने की प्रतिज्ञा के साथ सभी को शपथ दिलायी। इस कार्यक्रम में करीब 70 कृषक/महिला कृषकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अन्त में डा0 दीक्षा पटेल ने धन्यवाद् ज्ञापित किया। कार्यक्रम में वृक्षारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें नीबू, अमरूद, कटहल, बेल, करौंदा (कृषकों के प्रक्षेत्र में लगाने के लिये) आदि के 100 पौधों का वितरण भी के0वी0के0, बांदा के द्वारा किया गया। |
2023-06-05 |
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