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फसल सुरक्षा हेतु बीजोपचार का महत्व एवं जागरूकता अभियान के अन्तर्गत प्रशिक्षण |
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बाँदा के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा द्वारा जनपद के विभिन्न कृषकों हेतु फसल सुरक्षा हेतु बीजोपचार का महत्व एवं जागरूकता अभियान के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया गया। केन्द्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा0 मंजुल पाण्डेय ने किसानों को बताया कि खरीफ फसलों की बुआई एवं जल संरक्षण के विषय पर भी चर्चा की। खेती से जुडे किसान भाई खरीफ फसलों में बुआई से पूर्व बीज शोधन अवश्य करें किसान भाई पुरानी कहावत से भलीं-भांति परिचित है- जो जैसा बोता है वैसा ही काटता है। निरोग बीज बोने से ही फसल स्वस्थ होगी तथा अधिक उत्पादन प्राप्त होगा फसलों में बहुत से रोग और कीट लगते है रोग उत्पन्न करने वाले कारक बीज की सतह या बीज के अन्दर या बीज पर रहते हैं। ये रोगजनक बीज बोने के बाद अपनी अनुकूल परिस्थितियां पाकर वृद्धि शुरू कर देते हैं और उग्रता बढ़ने पर अंकुरण से लेकर फसल की वानस्पतिक व बालियां निकलने की अवस्था तक रोग का प्रकोप हो सकता है जिससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है खरीफ की फसलों में धान में झुलसा, आभासी कडुवां रोग, तिल में बीज सड़न रोग, तनागलन रोग, जड़-सड़न रोग, अरहर में पत्ती धब्बा रोग झुलसा रोग के साथ सब्जियों में पौध गलन एवं झुलसा रोग आदि प्रमुख है। बीज शोधन के लिये किसान भाई कार्बोक्सिल 37.5 प्रतिशत $ थायरम 37.5 प्रतिशत अथवा कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत डब्लू0पी0 अथवा मैनकोजेब की 75 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 2 ग्रा0 मात्रा प्रति कि0ग्रा0 बीज दर से शोधित अथवा रसायनों के अतिरिक्त जैविक नियंत्रक जैसे ट्राईकोडर्मा पाउडर की मात्रा 4 ग्राम प्रति कि0 की दर से शोधित कर सकते है। यदि जैविक व रसायनिक दोनो दवाओं से बीज शोधन करना चाहते हैं। तब 4 से 5 दिन पहले कृषि रसायनों से बीज शोधन कर ले तथा बुआई से 1 दिन पहले जैव नियंत्रक से शोधन करें।
बीजोपचार से लाभः बीजों के चारों एक कवच सी पर्त बन जाती है जिससे अंकुरण के समय मृदा जनित रोगों से सुरक्षा होती है। बीजोपचार करने से अंकुरण प्रतिशत तथा अधिक संख्या में स्वस्थ्य पौधे प्राप्त होते है जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
बीजोपचार करते समय सावधानियांः बीजोपचार करने से कुछ विशेष सावधानी रखनी चाहिये जैसे इनका प्रयोग करते समय किसी भी प्रकार का धूम्रपान न करें। हाथों में दस्ताने और मुख पर कपड़ा या मास्क का प्रयोग करें। जहां तक सम्भव हो उपचारित बीज की बुआई शीघ्र करें। इसी के साथ किसानों को खरीफ की फसलों के लिये बीजोपचार हेतु 20 ग्रा0 का कवकनाशी पैकेट केन्द्र के द्वारा वितरित किया गया। |
2022-06-01 |
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