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एक दिवसीय महिला किसान मेला एवं गोष्ठी-‘‘महिला सशक्तिकरण: स्वावलम्बी समाज का आधार’’ |
बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा के अन्तर्गत संचालित के0वी0के0, बांदा के प्रांगण में दिनांक 22.02.2024 को ‘‘महिला सशक्तिकरण: स्वावलम्बी समाज का आधार’’ विषय पर एक दिवसीय महिला किसान मेला एवं गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती मालती गुप्ता बासू, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, बांदा व अध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय डा0 (प्रो0) एन0पी0 सिंह, उपस्थित रहें। माननीय कुलपति महोदय ने उपस्थित महिला कृषकों से विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय अन्तर्गत संचालित ग्रामीण महिला कौषल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र की गतिविधियों से जुडने के लिये आवाहन् किया। उन्होने कहाकि भारत की आधी आबादी घर के कामों में व्यस्त रहती हैं। अगर यही आबादी देश के विकास के क्षेत्रों में कार्य करे तो भारत की विकास दर दूनी हो जायेगी। सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की बहुत सी योजनायें चलायी जाती हैं जिनका लाभ सभी महिलाओं तक पहुंचाना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने माननीया राज्यपाल महोदया द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये किये जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि उ0प्र0 सरकार भी प्रदेष में महिला सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डा0 एन0के0 बाजपेयी, सह निदेशक प्रसार डा0 नरेन्द्र सिंह, डा0 आनन्द सिंह, के0वी0के0 झांसी की अध्यक्ष डा0 निशी राय, सह अधिष्ठाता डा0 वन्दना कुमारी, विश्वविद्यालय के महिला प्राध्यापकगण डा0 प्रिया अवस्थी, डा0 वैशाली गंगवार, आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवन कर किया गया तथा सभी अतिथियों द्वारा मेले में आयोजित कृषि प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया। सर्वप्रथम केन्द्र के अध्यक्ष डा0 श्याम सिंह द्वारा सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। तदोपरांत मेला समन्यवक डा0 प्रज्ञा ओझा ने महिला किसान मेला की अवधारणा व उद्देश्य से सभी को अवगत कराया। उन्होनें कहा कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड की महिलाओं में कृषि सम्बन्धी नवीन तकनीकी के प्रति जागरूकता पैदा करना, कृषि में महिलाओं की भागदारी बढाना तथा उनकी अभियुक्ति व प्रतिभा को निखारना है। यह मेला विषेष तौर पर महिलाओं के लिये आयोजित किया किया गया है। तदोपरांत निदेशक प्रसार महोदय ने कहा कि यह मेला ग्रामीण महिलाओं की प्रतिभाओं को निखारने व उन्हें सम्मानित करने के लिये आयोजित किया जा रहा है। इस प्रकार के मेले विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों पर आयोजित कराये जायेंगें। .कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती मालती बासू ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकसित होने में महिलाओं अहम योगदान होता है। एक सषक्त महिला ही पूरे राष्ट्र को सषक्त बना सकती है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करनेे के लिये भारत व उ0प्र0 सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के प्रति जागरूक होना होगा।
मेले में महिलाओं/ग्रामीण युवतियों हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया था। जैसे रंगोली, मेंहंदी, नृत्य व श्रीअन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता, इन सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली महिलाओं/युवतियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों से जुडी हुयी 08 प्रगतिशील महिला कृषकों को उनके द्वारा कृषि/उद्यम में किये गये उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया। जिसमें से जनपद बांदा की श्रीमती मैना देवी ग्राम खप्टिहा कलाॅ, श्रीमती सूरजकली निषाद ग्राम कनवारा, श्रीमती आरती सिंह ग्राम कैरीे, श्रीमती राजरानी ग्राम पपरेंदा, श्रीमती रामबाई ग्राम सेमरीे, श्रीमती तान्या आहूजा बांदा, जनपद झांसी की श्रीमती द्रोपदी श्रीवास ग्राम भोजला, जनपद महोबा की श्रीमती अनीता तिवारी ग्राम सूपा आदि शामिल है। इस अवसर पर केन्द्र के महिला विषय वस्तु विशेषज्ञ डा0 प्रज्ञा ओझा एवं डा0 दीक्षा पटेल को उनके द्वारा किये गये महिला शक्तिकरण एवं उद्यमिता विकास कार्यों हेतु सम्मानित किया गया।
मेले में तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया। जिसमें रसोई वाटिका द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा विषय पर डा0 प्रज्ञा ओझा, स्वयं सहायता समूह का गठन एवं उपयोगिता विषय पर डा0 दीक्षा पटेल, मोटे अनाज की उपयोगिता विषय पर डा0 सरिता देवी, बाल्य सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जागरूकता विषय पर डा0 राजकुमारी एवं खाद्य प्रसंस्करण से उद्यमिता विकास विषय पर डा0 अमृता ने महिला कृषकों को प्रषिक्षित किया। कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न ग्रामों से लगभग 350 महिला कृषकों/ ग्रामीण युवतियों/छात्राओं ने प्रतिभाग किया। |
2024-02-22 |
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