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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा गठित क्षेत्रीय प्रबन्धन समिति द्वारा निकरा ग्राम-चौधरी डेरा (खप्टिहा कलॉ) का भ्रमण व कृषक संगोष्ठी का आयोजन |
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा पर संचालित निकरा परियोजना के अनुश्रवण हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा गठित क्षेत्रीय प्रबन्धन समिति द्वारा निकरा ग्राम-चौधरी डेरा (खप्टिहा कलॉ) का दिनांक 25.09.2023 को भ्रमण किया गया, इस अवसर पर केन्द्र द्वारा एक कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बी.यू.ए.टी. बाँदा के मा0 कुलपति महोदय डा0 एन.पी. सिंह द्वारा की गयी। इस अवसर पर क्षेत्रीय अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष डा0 बी0 गंगवार, पूर्वनिदेशक, भाकृअनुप-आई. आई.एफ.एस.आर., मेरठ, क्षेत्रीय अनुश्रवण समिति के सदस्य डा0 मसूद अली, पूर्वनिदेशक भाकृअनुप-आई. आई.पी.आर., कानपुर, अटारी कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक डा0 राघवेन्द्र सिंह, बी.यू.ए.टी. बाँदा के निदेशक प्रसार डा0 एन.के. बाजपेयी, केन्द्र के अध्यक्ष डा0 श्याम सिंह एवं केन्द्र के वैज्ञानिकों सहित ग्राम चौधरी डेरा के 60 कृषकों/महिला कृषकों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन कर किया गया। विश्वविद्यालय के मा0 कुलपति प्रो0 (डा0) एन.पी. सिंह ने बुन्देलखण्ड के कृषकों को खेती में इनकी परम्परा, संस्कृति से जुड़कर स्थानीय फसलों की खेती करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में खरीफ में परती गम्भीर चिन्ता का विषय है। जिसके लिये फसल सघनता बढ़ाना होगा। साथ ही कृषकों को कड़ी मेहनत, वैज्ञानिक सोच एवं वैज्ञानिकों के साथ मिलकर खेती करनी होगी। उन्होंने भूमिहीन कृषकों के लिए मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसे आयामों को भी सुझाया।
निदेशक प्रसार डा0 एन.के. बाजपेयी ने सभी कृषकों एवं अतिथियों का पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर स्वागत किया साथ ही निकरा परियोजना के उद्देश्य, क्रिया कलापों एवं निकरा ग्राम चौधरीडेरा की आधारभूत जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से खेती व पशुपालन पर पड़ने वाले दुष्प्रभवों को कम करने वाली तकनीकियों का प्रचार प्रसार करना मुख्य उद्देश्य है। तदोपरान्त डा0 श्याम सिंह ने केन्द्र की विगत वर्ष की प्रगति आख्या एवं आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर चर्चा की। तदोपरान्त ग्राम की प्रधान श्रीमती मैना देवी, श्री शिव नारायण एवं श्री गुरूप्रसाद नेे निकरा परियोजना से हुए लाभ व अनुभवों से सभी को अवगत कराया। इसके उपरान्त अटारी कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक डा0 राघवेन्द्र सिंह ने कृषि में सतत् विकास के लिए पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संरक्षण एवं परम्परागत जलश्रोतों के जीर्णोंद्धार के लिए प्रेरित किया।
क्षेत्रीय अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष डा0 बी0 गंगवार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने हेतु कम लागत वाली तकनीकी जैसे मेंड़बन्दी, रेज्डबेड, हरीखाद, वर्माकम्पोस्ट, सहफसली एवं मिश्रित खेती आदि को अपनाने हेतु प्रेरित किया।
क्षेत्रीय अनुश्रवण समिति के सदस्य डा0 मसूद अली ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने एवं मृदा में जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ानें के उपायों के बारे में बताया साथ ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने हेतु दलहनी फसलों का समावेश, फसल अवशेष प्रबन्धन, न्यूनतम जुताई आदि के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम में ग्राम चौधरीडेरा में निकरा परियोजनार्न्तगत स्थापित कस्टम हायरिंग सेन्टर का शुभारम्भ सभी सम्मानित अतिथियों द्वारा किया गया। इस सेन्टर की मदद से विभिन्न कृषि उपकरण किराये पर कृषकों को दिये जायेगें जिनके रख-रखाव हेतु ग्रामीण स्तर पर समिति गठित की गयी है।
कार्यक्रम के अन्त में डा0 चंचल सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डा0 दीक्षा पटेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के डा0 मानवेन्द्र सिंह, इं0 अजीत कुमार निगम, श्री कमल नारायण, श्री धर्मेन्द कुमार, श्रीमती अंकिता निगम, श्री चन्द्रशेषर, श्री विकास गुप्ता, श्री दिनेश व श्री राजू का विशेष योगदान रहा। |
2023-09-25 |
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