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प्रशिक्षण कार्यक्रम-गेंहू में खरपतवार नियंत्रण |
बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय, बांदा के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बांदा द्वारा कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘‘गेंहू में खरपतवार नियंत्रण’’ विषय पर एक कृषक प्रषिक्षण महुआ विकास खण्ड के ग्राम जखनी में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 श्याम सिंह ने कृषकों को गेंहू में खरपतवार नियत्रंण विषय के वैज्ञानिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। डा0 सिंह ने बताया कि गेंहू जनपद की प्रमुख रबी फसल है। जनपद में इसकी पैदावार कम होने के प्रमुख कारणों में से खरपतवार विशेष कारण है। किसान भाई थोडे से प्रबंधन से कम लागत में खरपतवारों से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।
धान-गेंहू फसल चक्र में गेंहू की फसल में गेंहू का मामा (फलैरिस माईनर) खरपतवार बहुत ज्यादा होता है। इसके नियंत्रण के लिये किसान भाई फसल चक्र को तोड गेंहू की जगह चना/सरसों उगायें। धान की रोपाई से पूर्व ढैंचा की बुवाई करें एवं खरपतवारनाषियों का प्रयोग कर सकते हैं। गेंहू की फसल में प्रमुख रूप से दो प्रकार के खरपतवार होते हैं एक संकरी पन्नी वाले एवं चौडी पत्ती वालें। इनके प्रबंधन के लिये फसल चक्र अपनाना, गर्मी की जुताई, निराई गुडाई एवं रासायनिक नियंत्रण के अलावा किसान भाई ध्यान रखें कि खेत में थ्रैसिंग वाले स्थान पर घासों के बीज को नष्ट करें, गोबर की अच्छी तरह सडी खाद ही प्रयोग करें एवं रसायनों का प्रयोग सही मात्रा में सही समय पर सही विधि से करें। फसल को पहले 45 दिन खरपतवार मुक्त रखना आसान व आवश्यक है। इसके लिये छोटे किसान प्रथम सिंचाई के बाद एक निराई करें व बडे किसान बुआई के तुरन्त बाद 3.3 ली0 पैण्डी मैथालीन को 800 ली0 पानी में मिलाकर स्प्रे करें अथवा सल्फो सल्फ्यूरॉन एवं मैट सल्फ्यूरॉन की 36 ग्रा0 सक्रिय मात्रा प्रति हे0 बुआयी के 30-35 दिन की अवस्था पर 600 ली0 पानी में घोलकर स्प्रे करें। अथवा केवल चौडी पत्ती वाले खरपतवार होने की दषा में किसान भाई 2,4-डी0 की 800 ग्राम मात्रा 600 ली0 पानी में घोलकर प्रति हे0 की दर से छिडकाव कर सकते हैं। किसान भाई गेंहू पकते समय गेंहू के मामा की कच्ची बालियां तोडकर नष्ट कर दें जिससे मिट्टी में बीज नहीं मिलेगें। इसके अलावा धान की तैयारी से पूर्व जलकुम्भी को काटकर खेती में सडाने से एवं ढैंचा सडाने से भी मोथा, सांवा एवं गेंहू के मामा के बीजों को नष्ट किया जा सकता है। प्रषिक्षण में कृषि प्रसार के वि0व0वि0 डा0 दीक्षा पटेल, ई0 अजीत कुमार निगम व धर्मेन्द्र सिंह उपस्थित रहें। कृल 25 कृषकों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण में प्रगतिषील कृषकों का भी विशेष सहयोग मिला। |
2022-12-01 |
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