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पोषण अभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन |
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा एवं इफको के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 17.09.2022 का पोषण अभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का भव्य आयोजन उद्यान महाविद्यालय के कान्फ्रेन्स हॉल में किया गया जिसका उद्देश्य कृषकों, महिला कृषकों/कन्याओं को पोषक अनाजों व टिकाऊ खेती हेतु वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता मा0 कुलपति महोदय, प्रो0 (डा0)एन0पी0 सिंह द्वारा की गई तथा मुख्य अतिथि के रूप में मा0 विधायक नरैनी श्रीमती ओममणी वर्मा तथा विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्री बलराम सिंह कछवाह सदस्य, प्रबन्ध समिति अटारी, कानपुर रहे। इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता कृषि, अधिष्ठाता उद्यान, अधिष्ठाता वानिकी एवं सह अधिष्ठाता गृह विज्ञान आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम का शुभारम्भ मा0 अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। डा0 श्याम सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र बाँदा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। तदोपरान्त केन्द्र की विषय वस्तु विशेषज्ञ एवं कार्यक्रम समन्यवक डा0 दीक्षा पटेल ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य से सभी को अवगत कराया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मा0 विधायक नरैनी श्रीमती ओममणी वर्मा ने अपने उद्बोधन में बुन्देलखण्ड की पुरानी संस्कृति, परम्परागत भोज्य पदार्थांे को सजोंकर रखने के लिये सभी का आवाह्न किया साथ ही भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे पोषण अभियान को महिला स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तिकरण हेतु सार्थक प्रयास बताया। उन्होने महिलाओं को घर से निकलकर आत्म निर्भर बनने के लिये प्रेरित किया। माननीय विधायिका जी द्वारा सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में चल रही विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया गया। महाविद्यालय में लेबोरेट्री नर्सरी स्कूल एवं डे-केयर सेण्टर स्थापित है जो कि नौनिहालों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है जिसका अवलोकन करते वक्त बच्चों के साथ वार्तालाप भी किया और कहा कि इस तरह का केन्द्र निश्चय ही बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक होगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डा0 एन0पी0 सिंह, मा0 कुलपति महोदय, बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा ने कहा कि बुन्देलखण्ड में नवयुवकों एवं नवयुवतियों में खून की कमी की विकट समस्या है इसके समाधान हेतु दैनिक आहार में गुड, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, करौंदा, चुकन्दर, को शामिल करने लिये कहा। उन्होंने कहा कि एक परिवार तभी स्वास्थ्य रहता है जब परिवार की महिलायें स्वस्थ रहती हैं इसलिये आजकल जब मिलावटखोरी की वजह से पोषण युक्त अनाज, सब्जी दूध आदि प्राप्त नही हो पाते है तो हमें अपने घर पर ही सब्जी उगाकर परिवार के पोषण का ध्यान रखना चाहिये। उन्होने विश्वविद्यालय की आगामी कार्ययोजना में गौआधारित प्राकृतिक खेती पर परिक्षण की योजना पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने सभी कृषकों एवं महिलाओं से बायोफोर्टीफाईड किस्मों की तकनीकी जानकारी के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की सलाह लेने का आवाहन किया।
श्री बलराम कछवाहा सदस्य, प्रबन्ध समिति अटारी, कानपुर ने अपने उद्बोधन में पोषक अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिये सभी कृषकों को प्रेरित किया और कहा कि इससे दुगना लाभ होगा जैसे स्वास्थ्य ठीक होगा साथ ही बदलती जलवायु के अनुरूप उत्पादन में वृद्धि होगी।
विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डा0 एन0के0 बाजपेयी ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र कुपोषण से प्रभावित है, उन्होंने कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिये स्थानीय पोषक अनाज जैसे बाजरा, जौ, ज्वार, मोटे अनाज के उपयोग पर जोर दिया ।
कार्यक्रम में तीन तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें डा0 आनन्द सिंह ने पोषण वाटिका की मानव स्वास्थ्य में भूमिका, डा0 कमालुद्दीन ने बायोफोर्टीफाईड प्रजातियों का परिचय एवं महत्व, डा0 वन्दना कुमारी ने प्रोषक अनाज की मानव स्वास्थ्य में भूमिका विषय पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को पोषण वाटिका किट, जामुन, नीबू एवं करौंदे की 100 पौध का वितरण भी किया गया। इस कार्यक्रम में 80 कृषक 90 महिला कृषकों समेंत कुल 190 लोगों ने प्रतिभाग किया। |
2022-09-17 |
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