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दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम |
जनपद बांदा में तिल के क्षेत्रफल व उत्पादकता को बढाने के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केन्द्र, बांदा द्वारा कृषकों के प्रक्षेत्रों पर नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयलसीड अन्तर्गत वर्ष 2025-26 खरीफ में क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन तिल के 50 प्रदर्शन आयोजित किये गये हैं। जिन्हें बांदा जनपद के कनवारा, मटौंध ग्रामीण व पुरैनिया ग्रामों में 03 क्लस्टर के रूप में आयोजित किये गये हैं इसी योजना के अन्तर्गत तिल में सल्फर का प्रयोग विषय पर दिनांक 27-28.08.2025 से दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इसमें 30 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
इस प्रशिक्षण में केन्द्र के अध्यक्ष डा0 श्याम सिंह ने तिल में सल्फर के महत्व तथा उपयोग के विषय पर कृषकों को प्रशिक्षित किया। उन्होनें बताया कि सल्फर फसलों की उपज व गुणवत्ता बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं यह पौधों के लिये आवश्यक पोशक तत्व होता है जोकि फसलों में प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि करता है। इसे 25 कि0ग्रा0/हे0 की दर से बुवाई के समय प्रयोेग करना चाहिये। इसका 2 प्रतिशत की दर से खड़ी फसल में पर्णीय छिड़काव भी किया जा सकता है। सल्फर से पौधों में सूखा सहन करने की क्षमता बढती है एवं तेल की गुणवत्ता व उपज मे वृद्धि भी होती है। तदोपरान्त डा0 चंचल सिंह ने तिल में कीट व रोग प्रबन्धन विषय पर कृषकों को प्रशिक्षित किया। उन्होनें तिल के प्रमुख रोग व लगने वाले मुख्य कीट के लक्षण, रोकथाम के उपाय तथा प्रबन्धन बताया। डा0 प्रज्ञा ओझा ने तिल के औषधीय गुण व विभिन्न व्यंजनों पर प्रशिक्षित किया। डा0 दीक्षा पटेल ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा कृषकों को प्रक्षेत्र पर भी भ्रमण कराया। सभी कृषकों ने प्रशिक्षण दौरान अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम के अन्त में डा0 दीक्षा पटेल वि0व0वि0 कृषि प्रसार ने धन्यवाद् ज्ञापित किया। |
2025-08-25 |
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