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"तिलहनी फसलों में गंधक का महत्व" विषय पर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन |
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, बाँदा के अन्तर्गत संचालित के0वी0के0, बांदा द्वारा दिनांक 08.03.2025 को ग्राम पचनेही, विकासखण्ड बडोखर खुर्द में ‘‘तिलहनी फसलों में गंधक का महत्व’’ विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा0 श्याम सिंह ने बताया कि गंधक तेल निर्माण के लिये आवश्यक होने के कारण तिलहन फसलों के लिये यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। लगातार तिलहन की फसल लेने एवं गन्धक का प्रयोग ना किये जाने के कारण तिलहन उत्पादन वाले अधिकतर क्षेत्रों में मृदाओं में 40 प्रतिशत तक गंधक की कमी देखी गई है। एक औसत फसल द्वारा फास्फोरस के बराबर गंधक अवशोषित की जाती है। हालांकि गंधक सभी प्रकार की फसलों के लिए लाभदायक है परन्तु तिलहनी फसलों के लिए बहुत ही प्रभावी व उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने वाला पोषक तत्व है। अतः गंधक के प्रयोग द्वारा इसकी कमी को दूर करके तिलहनी फसलों से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गाँव के 30 कृषकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के प्रगतिशील कृषक श्री शशिभूषण सिंह का विशेष योगदान रहा। |
2025-03-08 |
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