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किसान सम्मान दिवस का आयोजन |
दिनांक 23.12.2024 को बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बाँदा के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा द्वारा किसानों के मसीहा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री चौधरी चरण सिंह जी के जन्मदिवस को “किसान सम्मान दिवस” के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर कृषक विकास गोष्ठी एवं प्रदर्शनी का आयोजन केन्द्र के परिसर में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री आषीष कुमार यादव, ग्राम प्रधान कनवारा उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में जनपद सोनभद्र 35 कृषकों सहित बाँदा जनपद के विभिन्न ग्रामों के 65 कृषक/महिला कृषकों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर सभी अतिथियों एवं कृषकों द्वारा चौधरी साहब के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुये याद किया गया एवं वक्ताओं ने चौधरी साहब के आदर्षों की पालना करने का आवाहान किया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 श्याम सिंह ने चौधरी चरन सिंह जी की जीवनी पर प्रकाष डालते हुये उनके कृषक हित में किये गये कार्यों का उल्लेख किया, उन्होनें कृषकों से आवाहान किया कि वे विष्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से जुडकर खेती में वैज्ञानिक तरीकों को अपनायें, साथ ही उन्होनें कृषकों को बताया कि वर्तमान में प्राकृतिक खेती के महत्व को समझकर इसे अपनाने की आवश्यकता है। कृषकों से चर्चा करते हुये उन्होनें प्राकृतिक खेती की महत्वतता के बारे में अवगत कराया एवं सभी आये हुये कृषक बन्धुओं से आवाहान किया कि वे सभी अपने खेतों पर प्राकृतिक खेती के उत्पादन को बढावा दें साथ ही डा0 श्याम सिंह ने कृषकों को प्राकृतिक खेती से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होनें बताया कि प्राकृतिक खेती में कोई भी क्रिया ऐसी न करें जिससे खेती के लाभकारी जीवणुओं को हानि पहुँचे।
कार्यक्रम में आये हुये कृषकों को प्राकृतिक खेती में पशुपालन के महत्व पर चर्चा करते हुये उन्होनें बताया कि पशुपालन की उपयोगिता सिर्फ दुग्ध उत्पादन तक ही सीमित ही नहीं है अपितु प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार पशुपालन ही है क्योंकि गाय के गोबर व गौमूत्र को वैज्ञानिक तरीकों से बीजामृत, घनजीवामृत आदि में परिवर्तित कर रासायनिक खादों की जगह खेती में प्रयोग में लाया जाता है। इससे न सिर्फ खेती की लागत में कमी आयेगी साथ ही रासायनिक खादों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकेगा। केन्द्र के फसल सुरक्षा के विशेषज्ञ डा0 चंचल सिंह द्वारा कृषकों को एकीकृत फसल सुरक्षा के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर जनपद सोनभद्र से बाएफ लाइवलीहुड संस्था द्वारा भ्रमण पर लाये गये कृषकों का प्रशिक्षण एवं भी करवाया गया।
प्रशिक्षण में डा0 दीक्षा पटेल, वि0 व0 वि0 कृषि प्रसार ने “प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन” विषय पर कृषकों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने जल व मृदा संरक्षण हेतु विभिन्न सस्य क्रियाओं के बारे में चर्चा की साथ ही कृपाकों से पराली न जलाने के लिए आवह्न किया। तदोपरान्त डा0 प्रज्ञा ओझा ने जैविक व प्राकृतिक उत्पादों के मूल्यवर्धन कर अधिक आय अर्जित करने हेतु कृषकों को प्रेरित किया। प्रशिक्षण में डा0 सुभाष चन्द्र, प्राध्यापक उद्यान महाविद्यालय, बीयूएटी बाँदा ने ”नये बागीचों की स्थापना व उत्तम बागवानी“ विषय पर कृषकों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने कृषकों से कम से कम एक एकड़ में अमरूद, नीबू, करौंदा, बेल, बेर, महुआ, सहजन के फलदार वृक्षों को लगाकर अधिक आय अर्जित करने हेतु प्रेरित किया। |
2024-12-23 |
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