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कृषक प्रशिक्षण -ज्वार की वैज्ञानिक खेती |
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के अर्न्तगत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँदा द्वारा दिनांक 20.07.2023 को ग्राम खप्टिहा कलॅा (चौधरी डेरा) विकास खण्ड तिन्दवारी में मिलेट्स (मोटे अनाजों) के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिय एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्ष 2023 में पूरे विश्व में इन्टरनेशनल मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसका प्रमुख उद्देश्य मिलेट्स (मोटे अनाजों) के बारे में दुनिया भर में जागरूकता लाना है। मोटे अनाजों को पैदा करने के लिये बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है, इसलिये इन्हें बरानी खेती में भी कम लागत से उगाया जा सकता है। इनके पौष्टिक गुणों को देखा जाये तो गेंहू की तुलना में कैल्सियम फास्फोरस जिंक व मैग्नीशियम लगभग सभी मोटे अनाजों में ज्यादा पाये जाते है। मिलेट्स को बढावा देने के उद्देश्य से केन्द्र द्वारा ग्राम खप्टिहा कला में ज्वार व बाजरा फसलों के प्रर्दशन आयोजित कराये जा रहे हैं। इसी क्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 श्याम सिंह द्वारा ग्राम खप्टिहा कलॅा के चौधरी डेरा में एक कृषक प्रशिक्षण ‘‘ज्वार की वैज्ञानिक खेती’’ विषय पर आयोजित किया गया। ज्वार में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, इसलिये यह सुपाच्य प्रोटीन का सर्वोत्तर स्रोत माना गया है। जनपद में ज्वार की बुवाई का समय चल रहा है। किसान भाई बलुई दोमट और जल निकासी वाली भूमि में मिट्टी पलट हल से एक जुताई कर दो-तीन जुताई कल्टीवेटर द्वारा करके तैयार खेेत में 12-15 कि0ग्रा0 बीज प्रति हे0 की दर से 30-45 सेमी की दूरी पर पंक्ति में बुवाई करनी चाहिये। किसान भाई 40 कि0ग्रा0 नत्रजन, 20 कि0ग्रा0 फास्फोरस व 20 कि0ग्रा0 पोटाश प्रति हे0 प्रयोग करें। बुवाई के समय सारी फास्फोरस, सारी पोटाश व आधी नत्रजन प्रयोग करें, शेष आधी नत्रजन बुवाई के 30-35 दिन बाद प्रयोग करें। आवश्यकता पडने पर दाना भरते समय एक सिंचाई करना लाभकारी रहता है। खेत को खरपतवार से मुक्त रखने के लिये बुवाई के 20-25 दिन बाद निराई-गुडाई करनी चाहिये। फसल को कीट व बीमारी के प्रकोप से बचाना चाहिये। इसकी समस्या होने पर किसान भाई मो0न0- 9454940084 पर सम्पर्क कर निदान पा सकते हैं। डा0 सिंह ने किसान भाईयों से अनुरोध किया कि जैविक खादों का प्रयोग करने से स्वस्थ अन्न मिलता है व मृदा भी स्वस्थ रहती है, अधिक से अधिक मात्रा में गोबर की खाद व केचुए की खाद का प्रयोग करें। |
2023-07-20 |
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